भूलकर किसी और…..

भूलकर किसी और दुनिया में जो तुम खो गए बैठ कर मेरी छांव में ही आँख मूँद जो सो गए। हूँ पुराना मूल और आधार हूँ मैं आपका छोड़ मुझको राहों में नई राह के तुम हो गए। देखो झर झर झर रही है केंचुली मेरे अंग की ओढ़ कर ये नया लबादा चैन से … Continue reading भूलकर किसी और…..